मध्यम वर्ग और युवाओं की रक्षा के लिए मील का पत्थर यह अधिनियम
(ऑनलाइन गेमिंग का संवर्धन और विनियमन विधेयक 2025)
संजीव खुदशाह
इतिहास और पुराने आंकड़े बताते हैं की जुआ खेलने से सिर्फ
बर्बादी होती है और फायदा उसका होता है जो जुआ खिलाता है। जुए की जड़ में सट्टा
बाजार,
ऑनलाइन गेमिंग, लॉटरी जैसी तमाम खेल आते हैं जो की बिना मेहनत के पैसे
कमाने के लिए प्रेरित करते हैं। लेकिन इसमें खेलने वाला अंत में बर्बाद होता है।
बहुत सारी ऐसी खबरें आ रही थी। तमाम प्रकार के जुए अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में आ
चुके हैं और अब उनकी गिरफ्त में वह भी हैं जिनकी पहुंच में सट्टा बाजार, लॉटरी आदि नहीं था। यानी अब दूरस्थ इलाके के लोग भी जुए से
जुड़कर
आर्थिक जोखिम उठा रहे हैं।
ऑनलाइन जुआ क्या है?
जब किसी इंटरनेट लिंक वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए पैसे
दांव पर लगाए जाते हैं तो इसे ऑनलाइन गेमिंग या ऑनलाइन जुआ कहते हैं। ऑनलाइन जुआ
खेलने के दौरान आपके सामने एक कंप्यूटर या एक व्यक्ति या एक से ज्यादा व्यक्ति हो
सकते हैं। ग़ौरतलब है कि नए यूजर्स को ऑनलाइन जुएं की ओर आकर्षित करने के लिए
शुरू-शुरू में कुछ पैसे जीताए जाते हैं उन्हें मुफ्त में गेम खेलने की पेशकश की
जाती है। जब तक वह व्यक्ति गेम खेलने का आदि न हो जाए।
गेम खेलने का आदी होने के बाद व्यक्ति मानसिक रूप से जड़ हो
जाता है और जीतने के लिए पैसे लगाता जाता है। इस प्रकार वह कर्ज और बर्बादी की
कगार में पहुंच जाता है। इसके लिए वह कई गैर कानूनी काम और आत्महत्या करने के लिए
भी अग्रसर हो जाता है।
ऑनलाइन मनी गेम्स के तेजी से प्रसार ने युवक-युवतियों, परिवारों और राष्ट्र के लिए गंभीर खतरा पैदा किए हैं। जहां
डिजिटल प्रौद्योगिकी ने कई लाभ अर्जित किए हैं। इन खेलों ने कानून में खामियों का
लाभ उठाया है और भारी सामाजिक नुकसान का कारण बना है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान
राज्यसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी
मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव कहते हैं कि एक अनुमान के मुताबिक 45 करोड़ लोग ऑनलाइन मनी गेम से नकारात्मक रूप से प्रभावित हुए
हैं और इसके कारण उन्हें 20,000 करोड
रुपए से अधिक के नुकसान का सामना करना पड़ा। सरकार ने इन अंतरालों को बंद करने और
नागरिकों की रक्षा करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं।
राष्ट्र और नागरिकों की रक्षा के लिए बहुत समय से यह मांग
होती रही है कि ऑनलाइन गेमिंग यानी ऑनलाइन जुएं को विनियमित करने के लिए कोई कानून
बनाया जाए। पिछले दिनों सरकार ने इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन
गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक 2025 पारित किया है।
जानिए इस कानून में क्या है खास?
ई स्पोर्ट्स का प्रचार करना-
स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए इस सेक्टर को
प्रशिक्षण अकादमियों अनुसंधान केंद्रों और प्रौद्योगिकी की प्लेटफार्म की स्थापना
की जाएगी और इ स्पोर्ट को आगे बढ़ाया जाएगा।
हानिकारक ऑनलाइन मनी गेम्स का निषेध-
यह विधेयक ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है। यह
चांस के खेल, स्कीम के खेल और
दोनों को मिलाने वाले खेलों पर लागू होता है। अब तक इस तरह के खेल के लिए क्रिकेट
और बॉलीवुड के सेलिब्रिटी विज्ञापन दिया करते थे। अब ऐसे खेलों का विज्ञापन और
प्रचार सख्त वर्जित रहेगा। इन प्लेटफार्म में संबंधित वित्तीय लेनदेन बैंको या
भुगतान प्रणालियों द्वारा नहीं किया जा सकता । प्राधिकारियों को सूचना
प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के
तहत गैर कानूनी प्लेटफॉर्मों तक पहुंच को अवरोध करने का भी अधिकार होगा।
अपराध और दंड -
विधेयक के अंतर्गत कठोर दंड का प्रावधान किया गया है।
ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश या सुविधा देने पर 3 साल तक की कैद और एक करोड रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
इन खेलों से संबंधित वित्तीय लेनदेन भी इसी तरह के दंड के साथ दंडनीय हैं। ऐसे
खेलों का विज्ञापन करने पर 2 साल
तक की जेल और 50 लख रुपए
तक का जुर्माना हो सकता है। बार-बार अपराध करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान
किया गया है। जिसमें 5 साल तक
की सजा और 2 करोड रुपए का
जुर्माना सम्मिलित है। प्रमुख प्रावधानों के तहत अपराध संज्ञेय और गैर जमानती
होंगे। जिसका अर्थ है कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है और जमानत का
अधिकार नहीं होगा।
इस कानून के क्या फायदे होंगे -
रचनात्मक अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा और सुरक्षित
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध होगा। धोखा घड़ी की गुंजाइश कम होगी। युवाओं को सशक्त
बनाने में सहयोग मिलेगा। ई स्पोर्ट और कौशल आधारित डिजिटल गेम से आत्मविश्वास
अनुशासन और टीमवर्क बनाने में मदद मिलेगी। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के करियर के
मार्ग भी प्रशस्त होंगे। एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनेगा। परिवारों को लालच देने
वाले गेमों से बचाया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म अक्सर उपयोगकर्ताओं को आसान वित्तीय लाभ
के झूठे वादों के साथ लुभाते हैं, जिसकी
लत पड़ जाती है और वित्तीय विपत्ति का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार के खतरों को
दूर करके यह विधेयक एक स्वस्थ और सुरक्षित डिजिटल स्पेस बनाने में मदद करेगा।
ऑनलाइन गेमिंग का संवर्धन और विनियमन विधेयक 2025 भारत की डिजिटल यात्रा में एक निर्णायक कदम साबित होगा।
अनियमित मनी गेमिंग के खतरों को दूर करने और नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन बर्बाद होने वाले परिवारों, युवाओं, मध्यम
वर्ग को राहत मिलेगी। जो ऑनलाइन झूठे वादों के आधार पर फंस जाते हैं और वित्तीय
जोखिम उठाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि विधेयक सुनिश्चित करता है कि
प्रौद्योगिकी, समाज को नुकसान
पहुंचाने के बजाय उसकी सेवा करें। यानी सूचना प्रौद्योगिकी को यह कानून मजबूत
करेगा न की कमजोर । बल्कि मील का पत्थर साबित होगा।
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